ऐ जिंदगी तुझे क्या समझूँ मैं? समझूँ वेबफा या महबूबा समझूँ मैं। ऐ जिंदगी तुझे क्या समझूँ मैं? समझूँ वेबफा या महबूबा समझूँ मैं।
सफर जिंदगी का चलकर ही खत्म होगा बीच रास्ते रुकने से धूप से ही सामना होगा... सफर जिंदगी का चलकर ही खत्म होगा बीच रास्ते रुकने से धूप से ही सामना होगा...
और हम अपना सारा का सारा दुख भूल जाएंगे। और हम अपना सारा का सारा दुख भूल जाएंगे।
बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम। कह ना पाए हम तुमको सनम। बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम। कह ना पाए हम तुमको सनम।
कभी छाँव तो कभी धूप ज़िन्दगी बदले कितने ही रूप ज़िन्दगी, कभी कौवे की कर्कश वाणी सी क कभी छाँव तो कभी धूप ज़िन्दगी बदले कितने ही रूप ज़िन्दगी, कभी कौवे की कर्कश ...